"Jailor" [1958] is an Indian Hindi film directed by Sohrab Modi.
Starring Raaj Kumar, Geeta Bali, Kamini Kaushal, Abhi Bhattacharya, Sohrab Modi, Nana Palsikar and Daisy Irani.
Music is by Madan Mohan.
Lyrics by Rajendra Krishan...........
आज सुनिये मेरी पसंद का एक बहुत ही बेहतरीन गीत लता जी की आवाज़ में ! गीत के बोल जितने भावप्रवण हैं, धुन उतनी ही सुरीली है और लता जी की मधुर आवाज़ ने उसमें चार चाँद लगा दिये हैं !
"Paying Guest" is a 1957 Bollywood film directed by Subodh Mukherjee. The film stars Dev Anand and Nutan along with Shobha Khote.
The soundtrack, composed by Sachin Dev Burman received a degree of popularity and made a lasting impression. The lyrics were written by Majrooh Sultanpuri. Paying Guest was the second hit film of the team of Mukherjee, Hussain, Dev Anand and S.D Burman , who had combined two years earlier to makethesuccessful Munimji..............
Ranjish hee sahee dil hee dukhaane ke liye aa ...
Let it be anguish ,come still to torment my heart
Singer :Runa Laila
Lyricist : Ahmed Faraz a legendary urdu poet..
लीजिये आज पेशे खिदमत है रूना लैला की दिलकश आवाज़ में एक बहुत ही खूबसूरत गज़ल ! मुझे पूरी उम्मीद है मेरी यह पसंद आपको भी ज़रूर पसंद आयेगी !
"Dekh Kabira Roya" [1957] is an indian Hindi film directed by Amiya Chakrabarty. Starring Anita Guha, Anoop Kumar, Jawahar Kaul, Shubha Khote, Ameeta and Daljeet.
Music is by Madan Mohan and lyrics by Rajendra Krishan.............
लीजिए आज सुनिए एक कालजयी गीत तलत महमूद की आवाज़ में और प्लीज़ अपनी प्रतिक्रया देने से चूकियेगा मत !
साधना वैद
आज आपको अपनी पसंद का एक और गीत सुनवा रही हूँ ! इस गीत के संगीत और बोलों को सुनिए और उस दर्द को अनुभव कीजिये जिसे कहानी की नायिका जी रही है ! आप स्वयं को उससे एकाकार ही पायेंगे !
Director: Fali Mistry
Cast: Dev Anand, Nimmi, K N Singh, Shyma, Mukri, Lalita Pawar.
Music Director: S D Burman
Lyrics: Sahir Ludhianvi
Song : Mere hathile shyam.. a rare spiritual song /bhajan
Movie: non-Film
Singer : Pankaj Mullick
Music Director : Pankaj Mullick
Lyricist : B.C.Mathur,
आज आपको एक बहुत ही अनूठा भजन सुनवा रही हूँ पंकज मालिक की आवाज़ में ! आज के जलेबी बाई, चमेली बाई , मुन्नी बाई और बिल्लो रानी के युग में इस भजन के कद्रदान कितने मिलेंगे नहीं जानती लेकिन मैं इसे जितना सुनती हूँ प्यास उतनी ही और बढ़ती जाती है ! इस भजन में भक्त की अनन्य भक्ति की बानगी ज़रा देखिये ! यहाँ विनय में आराध्य के आगे सर्वहारा होकर दीन भीव से चरणों में बिछ जाने वाला भक्ति भाव नहीं है ! एक हठ है ! एक चुनौती है ! यहाँ भक्त लाचार नहीं है बल्कि उसने आपने आराध्य को इतना विवश किया है कि उसके पास अपने भक्त की सहायता के लिए आने के अलावा अन्य कोई विकल्प ही नहीं बचा है ! यहाँ भगवान और भक्त दोनों ही सामान धरातल पर खड़े हैं ! भक्त की हठधर्मिता देखिये अंतिम पंक्ति में उसे स्वयं को भगवान से भी बड़ा सिद्ध करने से भी कोई आपत्ति नहीं है !
इस भजन की यही बानगी मन मोह लेती है ! जितने खूबसूरत शब्द हैं, उतनी ही मन को शान्ति देने वाली धुन है और उससे भी अधिक चेतना को झकझोरने वाली पंकज मालिक की बुलंद आवाज़ है ! लीजिए आप भी इसका आनंद उठाइये और प्लीज़ मुझे बताना मत भूलियेगा कि आपको यह भजन कितना अच्छा लगा !