Monday, May 28, 2012

Ranjish hi sahi dil hi dukhane ke liye aa ..Runa Laila


Ranjish hee sahee dil hee dukhaane ke liye aa ...
Let it be anguish ,come still to torment my heart
Singer :Runa Laila
Lyricist : Ahmed Faraz a legendary urdu poet..

लीजिये  आज पेशे खिदमत है रूना लैला की दिलकश आवाज़ में एक बहुत ही खूबसूरत गज़ल ! मुझे पूरी उम्मीद है मेरी यह पसंद आपको भी ज़रूर पसंद आयेगी !

साधना वैद

9 comments:

  1. बहुत बढिया।

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  2. दिल ही दुखाने के बाद (सबब कुछ भी हो )दिल को कहाँ ले जाएँ| आपकी च्वाइस गाना सुनने के बाद दिल को छू जाती है |
    ना कोई गम ना शिकवा शिकायत किसी से
    गिला तो तब करें जब निभाया हो किसी ने किसी से |
    आशा

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  3. khubsrat gazalki prastuti ke liye dhanywad.

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    1. धन्यवाद रमाकांत जी ! आप इस ब्लॉग पर ऐसे ही सुरीले गीत सुनेंगे ! आज की प्रस्तुति आपको अच्छी लगी जानकार प्रसन्नता हुई !

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  4. बहुत खूबसूरत गज़ल......
    शुक्रिया साधना जी....

    ऐसे और भी गीतों के इन्तेज़ार में....
    अनु

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