Sunday, September 30, 2012
Madhushala Beautifully sung by Manna Day (sad part 1)
Madhushala....
The House of Wine is a book of 135 "quatrains": verses of four lines by Hindi poet and writer Harivansh Rai Bachchan (1907-2003), The poet tries to explain the complexity of life with his four instruments, which appear in almost every verse: madhu, madira or haala (wine), saaki (server), pyaala (cup or glass) and of course madhusala, madiralaya (pub/bar)....
great sung by Mr manna day... enjoy...
पितृ पक्ष के आगमन के साथ अपने सभी पूर्वजों एवम् अपने माँ व बाबूजी को सादर सस्नेह स्मरण करते हुए श्रद्धा सुमन अर्पित करती हूँ और बच्चन जी की इस कालजयी रचना के साथ अपने ब्लॉग पर आप सभी का हार्दिक स्वागत करती हूँ !
साधना वैद
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मधुशाला सुनवा कर तुमने मन को प्रसन्न कर दिया | यह रचना ऐसी है की जितनी बार सुनो और और की इच्छा होती है |
ReplyDeleteआशा