तराने सुहाने
Thursday, October 1, 2015
ranjish hi sahi dil hi dukhane ke liye aa ..runa laila
रूना लैला की बेमिसाल आवाज़ में सुनिए अहमद फ़राज़ की यह बेेमिसाल ग़ज़ल ! मुझे बेहद पसंद है और जानती हूँ की आपको भी ज़रूर पसंद आयेगी !
साधना वैद
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